गुरुवार, 14 जून 2012

कल तक,
घर के हर सदस्य की,
आँखों में था एक ही सपना ,
वो सपना ही बन गया था
सबकी जिन्दगी,
और आज टूट कर बिखर चुका है वो सपना,
लेकिन फिर भी ,
चल रही है जिन्दगी।

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